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श्री राम के जैसा

 श्री राम के जैसा बनो राम के जैसा,  यदि ईश्वर को पाना है,, श्री राम के हम सब हैं,  उन्हें दिल में बसाना है,, दुनिया के पाखंडों में,  श्री रा...

सोमवार, 30 जुलाई 2018

नेता एक राजा होता है

                                                                       नेता एक राजा होता है 

राज राज की बात नहीं, नेता रणनीति चलते है,
                                        कभी मंदिर, मस्जिद पहलू ले , कभी धर्म की आड़ पकड़ते है,,
जिस कारण नेता बने हुए, वो काम ध्यान में नहीं आता ,
                                                      बेरोजगारी मेह्गाई को आकाश भी नीचा पड़ जाता,,
जिसको आरक्षण देना था, वो तो भुखमरी से मरते है,,
                                                  कभी मंदिर मस्जिद पहलू ले , आपस में रोज झगड़ते है ..... (१)
सीमा पर जान गवाने को , माँ, बाप व घर का त्याग किया ,,
                                                  हस्ते हस्ते वो शहीद हुए, उनके परिवारों को क्या दिया,,
आमंदनी कर दूना करके , नेता अपना घर भरते है ,,
                                                      मेहनत कस खाना खा न सके , नेता होटल में चरते है ,,
गरीब को न अच्छी शिक्षा न रोजगार कुछ मिलते है ,
                                              कभी मंदिर मस्जिद पहलु ले , आपस में रोज झगड़ते है ....... (२)
कहीं अत्याचार , कहीं भ्रस्टाचार , कहीं गुंडागर्दी की खबर सुनें,
                                                 कितनी भोली - भाली ये जनता जो ऐसे नेता को ही चुने , 
किसी ने तीर्थ भ्रमड़ करके , अपने ही जीवन सफल किया ,,
                                                     अच्छे दिन आने वाले थे क्या वो दिन आपने देख लिया ,,
मधुर भासिनी नेता सब , जनता के दिल को जकड़ते है ,,
                                        कभी मंदिर , मस्जिद पहलू ले , आपस में रोज झगड़ते है ....... (३ )
जातिवाद के इस कलंक को नेता चाहे तो हर सकते , 
                                              सब एक समान होकर के चलै, और अपनी राह पकड़ सकते ,,
जब तक मत- भेद न दूर होएं , तब तक न देश सुधर पाए , 
                                                         धर्मानुसार सब काम करें , तरक्की का मार्ग बन जाये ,,
व्यर्थ का खर्चा बंद करो , क्यों अंधकार में भटकते है ,,
                                                      कभी मंदिर , मस्जिद पहलू ले , आपस में रोज झगड़ते है ........(४)
जो होना है वो टला नहीं , अपनी मेहनत को पकड़ो तुम ,,
                                                      ईश्वर तो कण कण वाशी है , क्यों मंदिर मस्जिद भटको तुम ,,
सत्य वचन और सत्य करम , इस जग के मुक्ति दाता हैं ,,
                                                          रोटी कपडा और मकान राजा का लक्ष्य कहाता है ,,
नेता राजश्वी होता है , सुनील के काव्य भड़कते है ,,
                                                 कभी मंदिर मस्जिद पहलू ले , आपस में रोज झगड़ते है .........(५)

रविवार, 3 जून 2018

आज का कैसा है इंसान

आज का कैसा इंसान
 चल रहा जन आंखें मूंदे,

भटकन की अंदाज नहीं,,
दर दर ठोकर खाता फिरता, फिर भी आता बाज नहीं,
कहां छुपाया इसमें ज्ञान , आज का कैसा है इंसान......
पास में सृष्टि का इतिहास, दिन प्रतिदिन हो रहा निराश,,
अंदर गंध बाहरी प्रकाश, देवी देवता सब होय हताश,,
लालच में खो बैठा  शान, आज का कैसा है इंसान.........
बल बुद्धि को क्यों ठुकरा वेै, अंध में व्यर्थ था ठोकर खावेै,,
 तीर्थ गवन तेरे काम ना आवेै, दिल अंदर क्यों ना लखि पावेै,,
जिससे हो तेरी पहचान, आज का कैसा है इंसान...........
कर्म धर्म मानव की शान, जिस से होता जन कल्याण,,
तेरे संग तेरा भगवान, फिर क्यों झूठी भरेै उड़ान,,
जानबूझकर करता नुकसान, आज का कैसा है इंसान..........
छोड़ जगत के झूठे धंधे, क्यों हो जग माया में अंधे,,
खुद बढ़े औरन को बढ़ने दे, समझाते हर समय पर बंदे,,
सुनील कुमार की कथन पहचान, आज का कैसा है इंसान........

गुरुवार, 31 मई 2018

मित्रो आपका स्वागत है





मित्रो नमस्कार, 

                          आज मै अपना परिचय एक ब्लॉगर के रूप में आपको दे रहा हूँ। मेरे ब्लॉग "हिंदी सृजन" पर आपको गद्य एवं पद्य विधा की विभिन्न रचनाएँ पढ़ने को मिलेंगीं। में अक्सर कवितायेँ क्षड़िकाएँ लेख आदि लिखता हूँ। आशा करता हूँ, आपका सहयोग स्नेह एवं आशीर्वाद मिलता रहेगा।

सुनील कुमार विद्यासागर