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गुरुवार, 26 दिसंबर 2019

सर्दी की महिमा

(सर्दी की महिमा)

सर्दी नानी, सर्दी नानी,
इतनी गुस्सा क्यों मनमानी,,
कभी मनमोहक बन जाती हो,
कभी शीत लहर से हानि,,
कितने आग जलाये बैठे,
कितने निर्धन ठंड ने ऐंठे,,
कैसी तुम्हारी अजब कहानी,
सर्दी नानी, सर्दी नानी,,
कृपा करो हम पे महारानी।........
जर्सी, पेंट, कोट भये फेल,
सर्दी नानी बना रही रेल,,
एक रजाई से काम चलैना,
गरम ऐ.सी. हीटर भी फेल,,
बिजली बिल की नहीं गिलानी,
सर्दी नानी, सर्दी नानी,,
कृपा करो हम पे महारानी।.........
चारों और सफेदी छाई,
हिम् गिर वृक्ष न भूमि लखाई,,
सैलानी घूमन को आयें,
बर्फ देख आनंद अति छाये,,
कोई कम्बल, चादर ओढ़े,
गरम रजाई कोई न छोड़े,,
सुनील कुमार महिमा तिनि जानी,
सर्दी नानी, सर्दी नानी,,
कृपा करो हम पे महारानी।.......

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