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 चंद पंक्तियाँ अर्पित कर रहा हूँ, उस नन्ही सी परी के लिए जो आज अपनों के संग नहीं है, मेरी विनती है देश के महामहीम जी से। आशा है आप मेरी व्यथ...

रविवार, 27 अक्तूबर 2019

पाक की अज्ञानता

धर्मार्थ काम तजि, अधर्मी राह पकड़े,
ऐसो गुरु ज्ञान तैने, कहाँ से पायो है।
भाई के ही संकट में भाई ही एक साथ करै,
पल में त्याग दुश्मनी, लट्ठ लैके आयो है।।
ऐसो कैसो गुरु तेरो, लाभ हानि जानी नहीं,
बिना गुरु मंत्र के जो रण में पठायो है।
अच्छे अच्छे काम कूं, फुरसत ना तोकू मिलै,
तेरौ अच्छो काम, आतंकवाद ही सुहायो है।
निर्दोषी सताये सब, मौत के घाट उतार रहयो,
बिना सोचे- समझे, सोते शेर कूं जगायो है।
शेर की दहाड़ पल भर में विनाश करै,
परमाणु की धमकी देता, तूने खौफ नहीं खायो है।
भरना था जो घट आतंक कौ वो भर चुकयो,
इमरान तेरौ काल अब तेरे शीस पर छायौ है।
गीदड़ की ये धमकी, हम युगों से ही सुनते आए,
हमने अपनी महानता कूं श्रेष्ठ ही बनायौ है।
तेरी बात, और औकात सारे जगत ने परखि लई,
करि अपमान तोकूँ उलटो ही भगायौ है।
लखि ले निज मानवपन कूं, ज्ञान पाके ज्ञानी बन,
ऐसो युग कलियुग, जीवन मै ना आयौ है।
अग्नि पै चलनों छोड़, अच्छे अच्छे कर्म करि,
तेरी तौ चलत क्या है, ना रावण टिक पायौ है।
पहले वार करते नहीं, दूजै पे हम छोड़ें नहीं,
तीजै पे हो सर्वनाश, सुनील कुमार कथि गायौ है।