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श्री राम के जैसा

 श्री राम के जैसा बनो राम के जैसा,  यदि ईश्वर को पाना है,, श्री राम के हम सब हैं,  उन्हें दिल में बसाना है,, दुनिया के पाखंडों में,  श्री रा...

गुरुवार, 26 दिसंबर 2019

सर्दी की महिमा

(सर्दी की महिमा)

सर्दी नानी, सर्दी नानी,
इतनी गुस्सा क्यों मनमानी,,
कभी मनमोहक बन जाती हो,
कभी शीत लहर से हानि,,
कितने आग जलाये बैठे,
कितने निर्धन ठंड ने ऐंठे,,
कैसी तुम्हारी अजब कहानी,
सर्दी नानी, सर्दी नानी,,
कृपा करो हम पे महारानी।........
जर्सी, पेंट, कोट भये फेल,
सर्दी नानी बना रही रेल,,
एक रजाई से काम चलैना,
गरम ऐ.सी. हीटर भी फेल,,
बिजली बिल की नहीं गिलानी,
सर्दी नानी, सर्दी नानी,,
कृपा करो हम पे महारानी।.........
चारों और सफेदी छाई,
हिम् गिर वृक्ष न भूमि लखाई,,
सैलानी घूमन को आयें,
बर्फ देख आनंद अति छाये,,
कोई कम्बल, चादर ओढ़े,
गरम रजाई कोई न छोड़े,,
सुनील कुमार महिमा तिनि जानी,
सर्दी नानी, सर्दी नानी,,
कृपा करो हम पे महारानी।.......

रविवार, 3 नवंबर 2019

मेंहनत

व्यर्थ के झमेले तेरे, जीवन में न साथ देत,,
व्रत और प्रवचन तेरे, साथ ना निभाएंगे,,
कितनेऊ जादू, टोना, करले पाखंड सब,,
जग के दिखावा, सारे हास बन जाएंगे,,
मन की कसौटी तेरे, तन से भी कार्यशील,,
बुद्धि के विवेक से, सब काम बन जाएंगे,,
मेंहनत ही है जीवनदायी, बिन मेंहनत के ना हासिल कुछ,,
मेंहनत करोगे तो , सूखे वृक्ष फल जाएंगे।...........
तन और मन को, नौकर बनाना सीखो,,
भरे हो विकार , अपने आप मिट जाएंगे,,
आलस और लालच, मानवता के महान शत्रू ,,
डालोगे इन्हें जेल, सब द्वार खुल जाएंगे ,,
तन की दुशाला गंदी, जग की हवाओं से ,,
मन के ही साबुन से, सब दाग धुल जाएंगे ।...........
ना ही चाहिए गंगा जल, ना ही चाहिए मखमली वस्त्र ,,
ना ही मांग छत्तीस भोग, इनको ढोंग बतलायेंगे ,,
नहीं स्वर, संगीत कामना, व्यर्थ के फिजूल खर्च ,,
मेंहनत के सुरीले स्वर, प्रभु से मिलाएंगे ,,
व्यर्था ना समय बिताओ, करते रहो कुछ काम ,,
मानव की काया में, ऐसे मौके नहीं आएंगे ,,
ज्ञान, मान ये मानवता के मुख्य लक्ष्य ,,
पढ़ो और सोचो, फिर सुनील कुमार समझायेंगे ।............


रविवार, 27 अक्तूबर 2019

पाक की अज्ञानता

धर्मार्थ काम तजि, अधर्मी राह पकड़े,
ऐसो गुरु ज्ञान तैने, कहाँ से पायो है।
भाई के ही संकट में भाई ही एक साथ करै,
पल में त्याग दुश्मनी, लट्ठ लैके आयो है।।
ऐसो कैसो गुरु तेरो, लाभ हानि जानी नहीं,
बिना गुरु मंत्र के जो रण में पठायो है।
अच्छे अच्छे काम कूं, फुरसत ना तोकू मिलै,
तेरौ अच्छो काम, आतंकवाद ही सुहायो है।
निर्दोषी सताये सब, मौत के घाट उतार रहयो,
बिना सोचे- समझे, सोते शेर कूं जगायो है।
शेर की दहाड़ पल भर में विनाश करै,
परमाणु की धमकी देता, तूने खौफ नहीं खायो है।
भरना था जो घट आतंक कौ वो भर चुकयो,
इमरान तेरौ काल अब तेरे शीस पर छायौ है।
गीदड़ की ये धमकी, हम युगों से ही सुनते आए,
हमने अपनी महानता कूं श्रेष्ठ ही बनायौ है।
तेरी बात, और औकात सारे जगत ने परखि लई,
करि अपमान तोकूँ उलटो ही भगायौ है।
लखि ले निज मानवपन कूं, ज्ञान पाके ज्ञानी बन,
ऐसो युग कलियुग, जीवन मै ना आयौ है।
अग्नि पै चलनों छोड़, अच्छे अच्छे कर्म करि,
तेरी तौ चलत क्या है, ना रावण टिक पायौ है।
पहले वार करते नहीं, दूजै पे हम छोड़ें नहीं,
तीजै पे हो सर्वनाश, सुनील कुमार कथि गायौ है।