Featured Post

श्री राम के जैसा

 श्री राम के जैसा बनो राम के जैसा,  यदि ईश्वर को पाना है,, श्री राम के हम सब हैं,  उन्हें दिल में बसाना है,, दुनिया के पाखंडों में,  श्री रा...

शुक्रवार, 17 जनवरी 2020

प्यार

(प्यार)

दो शत्रू जब गले मिलते,
प्यार की गुप्त निशानी,,

लैला मजनूं प्यार की खातिर,
लिखदी अजब कहानी,,......

प्यार किया था सृष्टि करता ने,
सृष्टि में अंश समाया था,,

प्यार किया था सबरी जी ने,
प्रभु राम को विवश बनाया था,,.......

प्यार की खातिर राधा-मीरा,
कृष्ण को हृदय बसाया था,,

प्यार किया था हीर-रांझे ने,
मौत को गले लगाया था,,..........

प्यार का रिश्ता मांत-पिता,
भाई बहनों का सार रहा,,

प्यार के रिश्ते जीजा, साले,
पति-पत्नी का आधार रहा,,.....

भक्ति पूजा प्यार रूप है,
भवनिधि नइया प्यार है,,

प्यार की शक्ति से ऋषि-मुनि,
होते भवनिधि पार हैं,,..........

तेरे स्वर में रहे प्यार,
मेरे स्वर में रहे प्यार,,

रहे जन-जन में प्यार,
यही सुनील कुमार की सार,,.........

मंगलवार, 7 जनवरी 2020

निर्भया

           (निर्भया)

गिरगिट निवास सूखी डाली,
कुदरत की कृपा भई हरियाली,,

कोमलता पातों ने पाई,
फल, फूल छटा अति दिखलाई,,

खुशियों में मस्त डाली डाली,
कुदरत की कृपा भई हरियाली,,.......

सुंदर, सुखद सवेरा आया,
प्रेम भाव परिवार सिखाया,,

विपरीत समय जब आ जाता है,
ज्ञान, ध्यान सब मिट जाता है,,

नृत्यति कुदिशा सिर मतवाली,
कुदरत की कृपा भई हरियाली,,.......

मद जोवन ने रंग दिखाया,
खींच काल चारों को लाया,,

घर से निर्भया पढ़ने को चाली,
अति सुशील अरु भोली - भाली,,

चारों मवाली पीछे धाये,
पकड़ी निर्भया द्वन्द मचाये,,

कुकरम करि, जान ले डाली,
कुदरत की कृपा भई हरियाली,,

मात-पिता संकट के मारे,
रो-रोकर जीवन धिक्कारे,,

थाना, कोर्ट के चक्कर मारे,
तारीख पे तारीख निहारे,,

जगह-जगह जा गुहार लगाई,
अब तक न्याय मिला नहीं भाई,,.......

सात साल बीते एहिं भाँती,
चिन्ता बनी दिनां अरु राती,,

चाहें कितनी बनजा हांसी,
दुष्टों को लगवानी फांसी,,

अदालत ने अब न्याय सुनाया,
सबको फांसी हुकम सुनाया,,........

22 जनवरी सात बजे,
तिहाड़ में फांसी सेज सजे,,

जब फांसी दिन आयेगा,
निर्भया दिवस कहलायेगा,,

गलती पै गलती मत करना,
फांसी की मौत सभी को मरना,,

जितनी सुनी उतनी कथिडाली,
सुनील कुमार की कविता निराली,,

कुदरत कृपा भई हरियाली,
सूख गई फिर डाली-डाली,,.......




शनिवार, 4 जनवरी 2020

चप्पल अवॉर्ड

      (चप्पल अवॉर्ड)
हर कोई नहीं ले सकता है,
किस्मत वाला पायेगा,,

दिल मे छुपी उमंगे होंगी,
लाज, शर्म विसरायगा,,

मान, धरम ईमान ना होगा,
जिसका ऐसा बना रेकॉर्ड,,

बिन सोचे माँ, बहनों को छेड़े,
उनको मिलता चप्पल अवार्ड,,.......

इसके अलावा और बहुत कुछ,
हरिहार उतर जा क्षण भर में,,

होता स्वागत घूंसा, लात से,
जेल पहुंच जाए पल भर में,,

घर बाहर इज्जत होती थी,
फिर बातें करते मुंह सिकोड़,

चरित्रहीन प्रचार फैल जा,
सभी कहें लड़का है फ़्रॉड,,

इस कविता को पढ़कर इंसान बन जाओ,
भूल कर इस मार्ग में कदम ना बढ़ाओ,,

इस अवॉर्ड से मरना बेहतर,
स्वर्ग में यमराज का कोर्ट,,

महा मूर्ख समझ ना पाए,
वोही ही ले चप्पल अवॉर्ड,,...........

सुनील कुमार कविता में लिखते,
जिसका नंबर, नाही कोड,,

खुल्ला मार्ग चारो ओर से,
ले जाओ चप्पल अवॉर्ड,,

बिन सोचे माँ, बहनों को छेड़े,
उनको मिलता चप्पल अवॉर्ड,,.......