कुछ पंक्तियाँ निवेदित कर रहा हूँ, आशा है कि आप सभी का स्नेह व आशीर्वाद मिलेगा।
साँड़
पैदा हो गया साँड़, निरंकुश घूमे वन में,
करै मनमानी काम ना चिंता उसके मन में,,
माँ-बाप और परिवारी जनों ने अच्छा समझा,
किये सदां ही कार्य सफलता धन- दौलत में,,......
करि माया अभिमान नसे में मस्त वो रहता,
बना बड़ा बदमाश कि कोई कुछ नहीं कहता,,
दस बीघा में आवास, कोठियां बनाई न्यारी,
भय का बना दवाब, समाज सब दुःख सहता,,....
कितने हत्याकांड कोई कुछ ना कर पाया,
भरा पाप का घड़ा, अंत तेजी से आया,,
सभी दलों ने उसको अब तक सीस झुकाया,
हुआ भाजपा राज उसको वहुबिधि समझाया,,....
अंत समय जब आयेगा, बुद्धि फिर जाती है,
कितने दो उपदेश समझ ना कुछ आती है,,
बढ़े पाप का वजन कि पृथ्वी घबराती है,
पापी का अंत करने में ना फिर सकुचाती है,,.........
गिरफ्तारी वारेंट दिया पहले भिजवाई,
जंगली साँड़ को पकड़ने पुलिस उसके घर आई,,
नहीं माना फिर भी साँड़ आतंकी हाथ दिखाया,
आठ पुलिस वालों को पल में मार गिराया,,.......
योगी ने की छापे मारी, उसका महल गिराया,
भाग गया वो साँड़ पुलिस के हाथ ना आया,,
करि के छापेमारी साँड़ के सहकर्मी मारे,
महाकाल के उज्जैन में साँड़ फंस गये विचारे,,.......
किया तुरंत गिरफ्तार साँड़ को मार गिराया,
एनकाउंटर का नाम पुलिस ने खुद दर्शाया,,
नेताओं में सियासत होने लगी भारी,
कहां पलटी कार सवाल पै सवाल निकारी,,......
क्या धन-दौलत साथ ले गया, क्या सुखी परिवार रहा,
रह गई बुराई पृथ्वी पर, बिना मौत मारा गया,,
हाथ जोड़ कर करूँ विनती, मतना ऐसा काम करो,
इंसानियत रूपी कर्म करो,
सुनील की कविता का नाम करो,,.....
जय हिंद।
🙏🙏सादर अर्पित🙏🙏
सुनील कुमार
साँड़
पैदा हो गया साँड़, निरंकुश घूमे वन में,
करै मनमानी काम ना चिंता उसके मन में,,
माँ-बाप और परिवारी जनों ने अच्छा समझा,
किये सदां ही कार्य सफलता धन- दौलत में,,......
करि माया अभिमान नसे में मस्त वो रहता,
बना बड़ा बदमाश कि कोई कुछ नहीं कहता,,
दस बीघा में आवास, कोठियां बनाई न्यारी,
भय का बना दवाब, समाज सब दुःख सहता,,....
कितने हत्याकांड कोई कुछ ना कर पाया,
भरा पाप का घड़ा, अंत तेजी से आया,,
सभी दलों ने उसको अब तक सीस झुकाया,
हुआ भाजपा राज उसको वहुबिधि समझाया,,....
अंत समय जब आयेगा, बुद्धि फिर जाती है,
कितने दो उपदेश समझ ना कुछ आती है,,
बढ़े पाप का वजन कि पृथ्वी घबराती है,
पापी का अंत करने में ना फिर सकुचाती है,,.........
गिरफ्तारी वारेंट दिया पहले भिजवाई,
जंगली साँड़ को पकड़ने पुलिस उसके घर आई,,
नहीं माना फिर भी साँड़ आतंकी हाथ दिखाया,
आठ पुलिस वालों को पल में मार गिराया,,.......
योगी ने की छापे मारी, उसका महल गिराया,
भाग गया वो साँड़ पुलिस के हाथ ना आया,,
करि के छापेमारी साँड़ के सहकर्मी मारे,
महाकाल के उज्जैन में साँड़ फंस गये विचारे,,.......
किया तुरंत गिरफ्तार साँड़ को मार गिराया,
एनकाउंटर का नाम पुलिस ने खुद दर्शाया,,
नेताओं में सियासत होने लगी भारी,
कहां पलटी कार सवाल पै सवाल निकारी,,......
क्या धन-दौलत साथ ले गया, क्या सुखी परिवार रहा,
रह गई बुराई पृथ्वी पर, बिना मौत मारा गया,,
हाथ जोड़ कर करूँ विनती, मतना ऐसा काम करो,
इंसानियत रूपी कर्म करो,
सुनील की कविता का नाम करो,,.....
जय हिंद।
🙏🙏सादर अर्पित🙏🙏
सुनील कुमार
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